आखिरी पोस्ट एक कविता !
मेरी बच्ची,
जब भी पैदा हो,
या मैं उसे गोद ले सकूँ,
मैं उसे व्यावहारिक बनाऊंगा,
ताकि लोगों की नज़र में वह....
मतलब कि,
लोगों की नज़र में वह आ ही न सके !
जब भी पैदा हो,
या मैं उसे गोद ले सकूँ,
मैं उसे व्यावहारिक बनाऊंगा,
ताकि लोगों की नज़र में वह....
मतलब कि,
लोगों की नज़र में वह आ ही न सके !
बेटी, तुम लिपस्टिक, पाउडर या पैरों के बाल हटवा कर,
या आधी बाहों से कम, या कि नाभि से उपर
या खुली टांग वाले, या पीछे गले को दिखाते हुए
कपडे मत पहनना !
मुमकिन है कि मैं एक दो टाट के बोरे,
या पूरा सूती कफ़न खरीद कर रख दूंगा !
तुम्हे पहनने को कमी न होगी,
और मुझे इज्जत की कमी न लगेगी !
या आधी बाहों से कम, या कि नाभि से उपर
या खुली टांग वाले, या पीछे गले को दिखाते हुए
कपडे मत पहनना !
मुमकिन है कि मैं एक दो टाट के बोरे,
या पूरा सूती कफ़न खरीद कर रख दूंगा !
तुम्हे पहनने को कमी न होगी,
और मुझे इज्जत की कमी न लगेगी !
बेटी, तुम तेज आवाज में न बोलना,
'मैं आपकी बहन जैसी हूँ,'
'माँ जैसी हूँ,'
'बेटी जैसी हूँ,'
इन वाक्यों का अभ्यास करना !
शीशे के सामने, धीमी आवाज में !
लाचारी ना भी हो तो पैदा कर लेना !
क्या फर्क पड़ता है ?
बाकी सारा ज्ञान बकवास है,
बस यही आखिरी ज्ञान है !
'मैं आपकी बहन जैसी हूँ,'
'माँ जैसी हूँ,'
'बेटी जैसी हूँ,'
इन वाक्यों का अभ्यास करना !
शीशे के सामने, धीमी आवाज में !
लाचारी ना भी हो तो पैदा कर लेना !
क्या फर्क पड़ता है ?
बाकी सारा ज्ञान बकवास है,
बस यही आखिरी ज्ञान है !
बेटी, ये आखिरी ज्ञान,
प्रेम मत करना, और
अपनी सफाई के रुमाल को,
पेपर से ढँक कर,
बक्से में छिपा देना !
घर में आये रिश्तेदार भी कई बार,
अपनी अज्ञानता से तुम्हे अश्लील समझ लेंगे !
और फिर जब तुम्हारा बलात्कार होगा,
तो तुम्हे निर्लज्ज कहा जायेगा !
किसी लड़के के साथ घूमना-
नहीं, नहीं, कभी नहीं !
प्रेम - तो बिलकुल नहीं !
प्रेम बलात्कार से भी बुरा होता है बेटी,
प्रेम में आत्ममिलन का खतरा होता है,
जीवन के सर्वोत्तम सुख को जीने का अवसर होता है,
यदि ये तुम्हे मिल गया तो.....
दुनिया का क्रम टूट जायेगा,
धरती चलनी बंद हो जाएगी !
तो भोग्या बन के रहना,
उचित समय पर,
साथी, दोस्त, रिश्तेदार या पति,
तुम्हारा भोग कर सकें !
प्रेम मत करना, और
अपनी सफाई के रुमाल को,
पेपर से ढँक कर,
बक्से में छिपा देना !
घर में आये रिश्तेदार भी कई बार,
अपनी अज्ञानता से तुम्हे अश्लील समझ लेंगे !
और फिर जब तुम्हारा बलात्कार होगा,
तो तुम्हे निर्लज्ज कहा जायेगा !
किसी लड़के के साथ घूमना-
नहीं, नहीं, कभी नहीं !
प्रेम - तो बिलकुल नहीं !
प्रेम बलात्कार से भी बुरा होता है बेटी,
प्रेम में आत्ममिलन का खतरा होता है,
जीवन के सर्वोत्तम सुख को जीने का अवसर होता है,
यदि ये तुम्हे मिल गया तो.....
दुनिया का क्रम टूट जायेगा,
धरती चलनी बंद हो जाएगी !
तो भोग्या बन के रहना,
उचित समय पर,
साथी, दोस्त, रिश्तेदार या पति,
तुम्हारा भोग कर सकें !
क्योंकि बेटी,
तू आदमी और जानवर के बीच झूलती चिड़िया है,
या तो पिंजरे में, या तश्तरी में !
मैं नहीं चाहता तुम्हे कोई परोस दे !
और मुझे पछताना पड़े कि,
गोद या जन्म,
मैंने किसी लड़के को क्यों नहीं दिया !
तू आदमी और जानवर के बीच झूलती चिड़िया है,
या तो पिंजरे में, या तश्तरी में !
मैं नहीं चाहता तुम्हे कोई परोस दे !
और मुझे पछताना पड़े कि,
गोद या जन्म,
मैंने किसी लड़के को क्यों नहीं दिया !
सो बेटी,
अपने बाप पर दया .....
अपने बाप पर दया .....
दया कौन करेगा ?
तुझे इस दुनिया में आना है या अनाथालय से मेरे घर -
तो ये सब मानना पड़ेगा !
समझी कि नहीं ?
तेरा दिमाग ख़राब न हो कभी !
तुझे इस दुनिया में आना है या अनाथालय से मेरे घर -
तो ये सब मानना पड़ेगा !
समझी कि नहीं ?
तेरा दिमाग ख़राब न हो कभी !
बेवकूफ है अपनी माँ की तरह
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