क्यूटियापा
सप्ताह और मेरा जन्मदिन हर साल कुछ न कुछ नयी बातें जोड़ जाता है ;-)
आज रोज डे और
प्रपोजल डे कंबाइन
बरस भर पहले लगभग,
एक गुलाब लेकर एच ओ डी ऑफिस के बाहर खड़ा अपने
वाइवा की बारी का इंतजार और तुम्हे अकेला पाने की कोशिश कर रहा था..... अचानक तुम
दिखी किसी क्लासरूम के बाहर टहलती शायद जिसकी डेस्क पर तुम्हारे टिफ़िन की चीजें
मेरे हाथ से फिसल कर उसे गन्दा कर देती थीं (तुम जानती हो मुझे ढंग से खाना तक
नहीं आता.....)
और बस..... दस
मिनट बाद मेरा नंबर था लेकिन उससे पहले मेरा हाथ गुलाब का एक फूल तुम्हारी ओर बढ़ा
चुका था..
और तुम... भोलेपन
से बोल कर चली गयी "आय कैन एक्सेप्ट रोज बट नॉट यू......"
मुझे आज भी याद
नहीं आया कि उसके बाद मेरे दिमाग को क्या हुआ... बस इतना याद है कि पांच मिनट बाद
वाइवा शुरू हुआ और फिजिकल केमिस्ट्री की सारी अंडरस्टैंडिंग तुम्हारे होठो से निकले
धारदार लफ़्ज़ों से कट कर टुकड़े टुकड़े हो चुकी थी और मैं लगभग बेसहारा सा कमिटी रूम
से बाहर आ गया......
उसके बाद केवल
इतना और याद है कि हॉस्टल के रूम की पूरी सफाई करने के बाद मैं तुम्हारी तमाम तस्वीरों को बिखेरे बैठा था लेकिन ये नहीं समझ
आ रहा था कि किस तस्वीर में