Monday, 1 September 2014

इसक

इसक ...
तन वाला
मन वाला
वो तो सबका होता है,
तुमसे जो मिला
वो पथरीला इसक
जहाँ तुम बैठ कर
एक दो मिनट
मेरे साथ चली गयी.
मैंने उस पत्थर को
छू कर पा लिया तुम्हे,
अपना पथरीला इसक

औरों के लिए जीना और मरना इसक,
पर तुमसे जो मेरा,
वो सांस लेना इसक,
ठहरना इसक , फिर से चलना इसक
अपना महकता इसक.

लेने और देने वाला ,
वो तो सबका होता है,
तुमसे जो मेरा,
वो खोना इसक
फिर से पाना इसक,
तेरे बिन है हर तराना इसक.

सबका जो होता है भरोसा इसक,
इसक कोई शर्त, इसक कोई बंदिश,
पर तुमसे जो मेरा,
हर इजाजत इसक, हर इबादत इसक,
अपनी आदत इसक......