फिर जो महकने लगें अंगना तुम्हारे फूल,
फिर जो अंगडाई ले उठें तुम्हारे बिस्तरों की सलवटें,
फिर जो पर्दों को बेशरमी से उड़ाने लगे हवा,
फिर जो मिलने लगे तुम्हारी तन्हाई को दवा,
फिर जो खनकने लगें तुम्हारे कंगन बिना जाने,
फिर जो लब सूखने लगें तेरा कहा माने,
फिर जो बारिश सी महसूस हो पलकों में,
फिर जो तपन सी महसूस हो गालों पर...
फिर से पांवों पर महसूस हों थपकियाँ,
फिर से जो दर्द की दवा बनें हिचकियाँ,
फिर से जो भींगने को दिल प्यासा हो आये,
फिर से जो सीने में कोई धड़कन सुना जाए...
फिर से तुम्हारे गेसुओं में फंस जाएँ कोई अंगुलियाँ,
फिर से तुम्हारी हथेली को मिलें प्यार भरी नर्मियां...
समझ लेना बादल सा आवारा छा गया हूँ,
मैं फिर से तुम्हारे पास आ गया हूँ....
फिर जो अंगडाई ले उठें तुम्हारे बिस्तरों की सलवटें,
फिर जो पर्दों को बेशरमी से उड़ाने लगे हवा,
फिर जो मिलने लगे तुम्हारी तन्हाई को दवा,
फिर जो खनकने लगें तुम्हारे कंगन बिना जाने,
फिर जो लब सूखने लगें तेरा कहा माने,
फिर जो बारिश सी महसूस हो पलकों में,
फिर जो तपन सी महसूस हो गालों पर...
फिर से पांवों पर महसूस हों थपकियाँ,
फिर से जो दर्द की दवा बनें हिचकियाँ,
फिर से जो भींगने को दिल प्यासा हो आये,
फिर से जो सीने में कोई धड़कन सुना जाए...
फिर से तुम्हारे गेसुओं में फंस जाएँ कोई अंगुलियाँ,
फिर से तुम्हारी हथेली को मिलें प्यार भरी नर्मियां...
समझ लेना बादल सा आवारा छा गया हूँ,
मैं फिर से तुम्हारे पास आ गया हूँ....