आसां नही कि तुम्हे सब कुछ कह सकूँ,
कुछ अनकहा धडकन भी समझा देगी,
जब जवाब ना मिले दिल से भी कोई,
मेरी यादों में खो जाना हर प्यास बुझा देगी,
जो नींद अब तक ना आई हो,
करवटें बदलना छोड़ दो,
किसी एक करवट पर ही मेरा ख्याल करो,
खुशनुमा हो माहौल कैद साँसों को खोल दो....
टूटना जुडना रूठना मनाना ,
अब रोज के किस्से हैं ख्याल ना करो,
छोटे तालाब यहाँ वहाँ हैं छोडो उन्हें,
इस सागर में आ मिलो,
जिन लम्हों को सजा कर जीने का खाब था,
उन्हें ऐसे सुपुर्द-ए-ख़ाक कर ना जाओ,
मैं वहीँ हूँ जहाँ तुमने (साथ नही) हाथ छोड़ा था,
हे ! प्रेयसि, चली आओ...................................